लेखनी कहानी -20-Sep-2022 भाग १ मां बाप का दिल भाग २ भाग ३ कैलाश पर बधाई

कैलाश पर बधाई

शिव गोरा के जन्मे हैं लाल,
बधाई बाजे हरे हरे बधाई, बधाई बाजे हरे हरे,
बधाई बाजे पर्वत पर ।

सुन डमरु की थाप जाग गए सभी देव असुर 
देवो ने तो खुशी मनाई, देवों ने तो खुशी मनाई।
असुरों में हुई हलचल, बधाई बाजे पर्वत पर ।
शिव गौरा के जन्मे है लाल, बधाई बाजे पर्वत पर।

कान्हा जी जब खबर सुनी यह नाचे मुरली बजाए, 
कान्हा को मामा कह कह के, कान्हा को मामा कह कर के रहे गणेश बुलाय।बधाई बाजे पर्वत पर ।
शिव गौरा के जन्मे है लाल बधाई बाजे पर्वत पर।

महर्षि वेदव्यास जो बोले लिखे गणेश रचाय,
कलम टूट गई लिखते लिखते, कलम टूट गई लिखते लिखते। 
लई दंत की बनाए बधाई बाजे पर्वत पर ।
शिव गोरा के जन्मे है लाल बधाई बाजे पर्वत पर।

मां गौरा ने उबटन के मैल से दिया है पुतला बनाय,
जया और विजया की प्रेरणा, जया और विजया की प्रेरणा। दाई जान डलवाय। बधाई बाजे से शिव सुत की।
शिव गौरा के जन्मे है लाल बधाई बाजे पर्वत पे

मां गौरा के शब्द गणों के ईश बनेंगे गणेश 
रिद्धि सिद्धि के पति बनेंगे, रिद्धि सिद्धि के पति बनेंगे
भक्तों के विघ्नेश बधाई बाजे पर्वत पर।
 शिव गौरा के जन्मे हैं लाल बधाई बाजे पर्वत पर।

मोदक मेवा फल फूल चढ़ाऊं दूर भगाओ क्लेश,
'अलका' के मन अंदर बाहर, 'अलका' के मन अंदर बाहर। कहीं रहे ना द्वेश, बधाई सब भक्तन को ।
शिव गोरा के जन्मे है लाल बधाई बाजे पर्वत पर।

अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी' 
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।

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5 Comments

Pratikhya Priyadarshini

27-Sep-2022 02:40 PM

Bahut khoob 💐👍

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shweta soni

27-Sep-2022 11:29 AM

Bahut khub

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Gunjan Kamal

26-Sep-2022 11:08 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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